श्रीराम के जयकारों से गूंजी धारा नगरी, मातृशक्ति ने किया शस्त्र कला का प्रदर्शन,झिलमिलाती झांकियां बनी आकर्षण का केंद्र बिंदु
-श्री हरिराम संकीर्तन रामायण मंडल व श्री रामनवमी शोभायात्रा समिति(काठमाण्डु पैनल) एवम सर्वहिन्दू समाज के सयुक्त तत्वावधान में निकला चल समारोह
धार। शहर में रामनवमी के अवसर पर श्री हरिराम संकीर्तन रामायण मंडल व श्री रामनवमी शोभायात्रा काठमांडू पैनल के सयुक्त तत्वावधान में चल समारोह निकाला गया। इसमें बड़ी संख्या हिंदू समाज के लोग शामिल हुए। शोभा यात्रा की शुरूआत महात्मा गांधी मार्ग स्थित आनंदेश्वर मंदिर से हुई। सर्वप्रथम भगवान राम की आरती की गई इसके बाद शोभायात्रा की शुरूआत हुई जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए पुन: अानंदेश्वर मंदिर पहुंची जहां शाेभायात्रा का समापन हुआ।
शोभायात्रा में दो अलग-अलग झाकियां निकाली गई। झांकियों का निर्माण काठमाण्डु पैनल द्वारा किया गया इसमें एक झाकी में अयोध्या में विराजित भगवान रामलला की मूर्ति की प्रतिकृति झांकी में विराजित की गई। जब यह झाकी शहवासियों के सामने से निकली तो हर किसी को ऐसा लगा मानो वह अयोध्या में हो।
दरअसल प्रतिवर्ष रामनवमी के अवसर पर श्री हरिराम संकीर्तन रामायण मंडल व श्री रामनवमी शोभायात्रा काठमांडू पैनल द्वारा सयुक्त रूप से श्री राम भगवान की शोभायात्रा निकाली जाती है। इस वर्ष भी शोभायात्रा निकाली गई।
शाम सात बजे आनंदेश्वर मंदिर में आरती की गई। इसके बाद शोभा यात्रा की शुरुआत हुई। यात्रा आनंद चौपाटी से होते हुए हटवाड़ा पहुंची इस दौरान बड़ी संख्या में हिंदू समाज के लोग यात्रा में शामिल हो गए। वहीं यात्रा जब मोहन टाकीज पहुंची तो युवाओं उत्साह चरम पर देखा गया। इसके बाद यात्रा धानमंडी से होते हुए भाजी बाजार, पट्ठा चौपाटी, नालछा दरवाजा क्षेत्र से होते हुए राजवाड़ा पहुंची जहां यात्रा का समापन हुआ।
झिलमिलाती झांकियां निकली
शोभायात्रा में दो झिलमिलाती झांकियां निकाली गई। इसमें पहले झांकी में अयोध्या में विराजित भगवान रामलला की मूर्ति प्रतिकृति मूर्ति झांकी में विराजित की गई। वहीं दूसरी झांकी में हैदराबाद से लाई गई 14 फीट की भगवान राम की मूर्ति विराजित की गई। जिसे लोगों ने खुब पंसद किया। झांकियों में झिलमिलाती रोशनी को लोगाें ने खुब पसंद किया। वहीं शोभायात्रा में चलित भजन संध्या का आयोजन किया गया। इसमें इसमें भजन गायक शंशाक तिवारी कुंदनपुर द्वारा एक से बड़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी। जिस पर युवाओं द्वारा जमकर नृत्य किया गया।
शस्त्र कला का किया प्रदर्शन
शोभायात्रा में मातृशक्तियों ने भी भाग लिया। वहीं 100 से अधिक मातृशक्ति ने शोभायात्रा के दौरान शस्त्रकला का प्रदर्शन किया। मातृशक्ति के शस्त्र कला प्रदर्शन की शहवासियों द्वारा सराहना की गई।