लोकसभा चुनाव पीएम मोदी चेहरा,लेकिन सरदारपुर विधानसभा मे गुटो मे बटी भाजपा,हाशिये पर धकेले जा रहे निष्ठावन नेताओं एंव कार्यकर्ताओं ने आयोजित की बैठक,सरदारपुर विस पर 15 हजार मतों की बढ़त का लिया संकल्प,हारे 126 बूथों की प्रत्याशी ठाकुर ने सौंपी जवाबदारी
सरदारपुर । लोकसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है। भाजपा एंव कांग्रेस का चुनावी प्रचार भी चरम पर पहुॅच चुका है। लेकिन सरदारपुर विधानसभा मे इस बार भाजपा लोकसभा चुनाव मे गुटबाजी का शिकार हो चुकी है। 1980 से 1990 तक जिले से लेकर विधानसभा तक जिस प्रकार कांग्रेस मे गुटबाजी थी वह अब भाजपा मे आ चुकी है। विधानसभा चुनाव मे 4 हजार मतो से हार के बाद भाजपा मे जहां सोशल मीडिया पर वार होकर आरोप प्रत्यारोप का दौर था। हार को लेकर एक दूसरे पर दोषारोपण हो रहा था। लोकसभा चुनाव मे उम्मीद थी की भाजपा पराजय से उबर कर एकजुटता के साथ चुनावी मैदान मे होगी। वैसे तो लोकसभा सीट पर भाजपा की जीत तय है । देश मे करीब करीब यही माहौल हे की हर सीट पर प्रत्याशी नही बल्कि मोदी ही चेहरा है।
सरदारपुर विधानसभा सीट की बात करे तो यहा पर भाजपा संगठन स्तर पर दो गुटो मे बट चुकी है जो कभी दोस्त थे वे अब विरोधी हो चुके है जो विरोधी थे वे अब दोस्त बन चुके है। विधानसभा चुनाव को लेकर बनी चुनाव संचालन टोली मे भी कई अनुभवी नेताओं एंव निष्ठावन कार्यकर्ताओं को जगह तक नही दी गई यही नहीं चुनाव के दौरान होने वाली बैठको से लेकर रणनिती तक से इन नेताओं को नजरअंदाज कर दिया गया।
खैर चुनाव मे चेहरा मोदी है तो फिर इन नेताओं ने अपनी तौहीन को नजरअंदाज कर दिया लेकीन स्वाभिमान की लडाई लडते हुये गुरुवार को इन नेताओं ने चुनाव को लेकर बैठक आहूत कर ली। इसमे वै लोग शामिल हुये जिन्हे अभी तक नजरअंदाज किया जा रहा था। जिनमे भाजपा के कई निष्ठावन,अनुभवी नेता एंव कार्यकर्ता,जिला पंचायत सदस्य,जनपद पंचायत सदस्य एंव सरपंच शामिल हुये
सूत्रों की मानें तो सरदारपुर की एक निजी होटल के समीप हुई इस बैठक मे सांसद प्रत्याशी सावित्री ठाकुर भी उपस्थित हुई और उन्होने चुनाव को लेकर चर्चा कर सरदारपुर विधानसभा चुनाव के 126 से बूथ जहां पर भाजपा को पराजय का सामना करना पडा था उसकी जवाबदारी कार्यकर्ताओ को सौंपी है । बैठक मे इन लोगों ने भाजपा को जिताने के संकल्प के साथ सरदारपुर विधानसभा सीट पर से भाजपा को 15 हजार मतों की बढ़त दिलाने का संकल्प लिया । खैर गुटो मे बंटी भाजपा को एकजुट करने का यह प्रयास क्या रंग लाएगा यह तो 4 जुन को ही पता चलेगा।