ग्राम अकोलिया में मिले शव की पुलिस ने सुलझाई गुत्थी,परिवार की महिला के साथ थे अवैध संबंध इसलिए पिता पुत्र ने मिलकर कर दी हत्या,हत्या कर साक्ष्य छुपाने के लिए खेत मे फेंका था शव
राजोद। 25 अप्रैल को राजोद थाना क्षेत्र के ग्राम अकोलिया में मिले 40 वर्षीय व्यक्ति के शव के मामले में राजोद थाना पुलिस ने पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया है। दरअसल 40 वर्षीय मृतक भेरू पिता नाथू खराड़ी निवासी ग्राम बगासा तलाबपाडा का शव मिलने पर पीएम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज किया था। पुलिस ने अनसुलझे हत्याकांड का 72 घंटे मे खुलास कर 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार 25 अप्रैल को नाथु पिता अमरा खराडी निवासी ग्राम बगासा तलाबपाड़ा द्वारा राजोद थाने पर सूचना दी गई कि उसका लड़का भैरूलाल 24 अप्रैल को शादी कार्यक्रम में सामील होने ग्राम अकोलिया गया था। जिसका शव ग्राम अकोलिया में ही भागीरथ भुरिया के खुले खेत में पड़ा है। पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर मृतक के शव को सरदारपुर अस्पताल ले जाकर डॉक्टर की पैनल से शव का पीएम करवाया गया। पीएम रिपोर्ट में डॉक्टर टीम द्वारा मृतक भैरूलाल की मृत्यु सामान्य न होते हुए उसकी गर्दन मरोड़कर हत्या करना बताया। मर्ग जाँच से अज्ञात आरोपी के विरुद्ध पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज किया गया।
राजोद थाना प्रभारी हिरूसिह रावत ने बताया कि धार एसपी मनोज कुमार सिंह एवं एएसपी डॉ. इंद्रजीत बाकलवार के निर्देशन में तथा सरदारपुर एसडीओपी आशुतोष पटेल के मार्गदर्शन में बारीकी से घटना स्थल के आसपास के लोगों से एवं मृतक के परिवार जनों से पूछताछ करने पर अनुसंधान के दौरान कुछ तथ्य सामने आए जिसके आधार पर संदेही रमेश पिता अम्बाराम उम 50 वर्ष एवं राकेश पिता रमेश भाबर उम्र 25 वर्ष दोनों निवासी ग्राम बगासा तलाबपाडा को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर अपने परिवार की विधवा महिला से मृतक के अवैध संबंध होने की बात को लेकर दोनों पिता पुत्र ने मिलकर प्लानिंग के तहत मृतक को शादी कार्यक्रम से लौटते समय रात्री में पकड़कर उसकी गर्दन मरोडकर हत्या कर दी और पुलिस को गुमराह करने के लिए लाश को शादी कार्यक्रम के पास वाले खेत में ही फेंक दी थी, ताकि कोई शंका न करे। दोनों आरोपियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है।
हत्या कांड के खुलासे में राजोद थाने के उप निरी विक्रम देवडा, सहायक उपनिरीक्षक पीएस डामोर, प्रधान आरक्षक मंगलसिंह मेडा, गणावा, आरक्षक मोहित सेन, रोहित नागर, मेहन्द्रसिंह बसुनिया, विक्रम अहिरवार, सैनिक राजेश बगडावत का योगदान रहा।