यही अंतर है मध्य प्रदेश और गुजरात मे,एनएच 47 पर पिछले माह सरदारपुर क्षेत्र मे दो सड़क हादसे मे 7 लोगों की मौत के बाद उठने लगे राजमार्ग पर सवाल
सरदारपुर। इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिछले माह सरदारपुर तहसील क्षेत्र मे 10 किमी के दायरे मे एक सप्ताह के भीतर दो सड़क हादसे मे 7 लोगो की मौत के बाद राजमार्ग की अव्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठने लगे है। मप्र के हिस्से मे एवं गुजरात के हिस्से में बने हुए राजमार्ग की तुलना करे तो गुजरात की अपेक्षा मप्र के उक्त मार्ग मे कई कमियां है जो टोल कंपनी की लापरवाही को उजागर करती है।
गुजरात मे तो पूरा राजमार्ग सीमेंट क्रंकीट से बना हुआ है शायद है ऐसा स्थान हो जहा पर राजमार्ग पर गड्डा नजर आ जाये वही डिवाइडर के बीच अनचाहे कट भी नहीं देखने को मिलेगे। और तो और डिवाइडर के बीच पूरे मार्ग पर पौधे लगे हुए है। जिससे रात मे फोरलेन की दोनों साइडों पर सुगमता से सफर किया जा सकता है।
वही मप्र की बाद करे तो डिवाइडर के बीच जहा मर्जी हो या पर कट लगाकर आवागमन हो रहा है। लेकीन टोल कंपनी इस और ध्यान ही नही देती है। और तो और कई स्थानों पर डिवाइडर पर कूड़ा करकट देखने को मिल जायेगा। जिस स्थान पर पौधे लगाये गये है वह भी बढ़ नहीं पा रहे क्योंकि यहा पर मिट्टी डालना चाहिए थी वहा पर हार्ड मुरम डाल दिया गया है। सड़क की बात करे तो कई स्थानों पर सड़क उखड चुकी है जहा पर पेचवर्क किया गया उस पर सफर करे तो पता ही नहीं चलता कि आप राजमार्ग पर सफर कर रहे है।
खैर सरदारपुर तहसील मे दो हादसे के बाद जरूर एसडीएम राहुल चौहान ने निरीक्षण कर एनएच अधिकारियों को जल्द से जल्द मार्ग पर कमियों को दूर करने के निर्देश दिये थे लेकीन एसडीएम के निर्देश के बाद भी एनएच अधिकारियों ने इस दिशा मे कोई ठोस प्रयास नहीं किये है।