May 19, 2024 |

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नए मंदिरों की जगह पुराने मंदिरों का जिर्णोद्धार होना चाहिए। क्योकिं पुरातन मंदिरों में भी भक्तों का जमावडा बढना चाहिएः- पं. प्रदीप मिश्रा

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आयोजक सिसोदिया को पं.मिश्रा ने दिया साधुवाद,बोले अति प्राचीन कोटेश्वर धाम मे कथा कराकर सनातन धर्म को जगाया,बच्चो को मंदिरो तक पहुुॅचाया
पंच पुष्प श्री शिव महापुराण के समापन पर उमडे लाखो श्रद्धालु,पुरा तिर्थ क्षेत्र हुआ धर्ममय

बदनावर। इंदौर के शरदसिंह सिसोदिया साधुवाद के पात्र है जिन्होंनें यह पंचपुष्प शिवमहापुराण कथा किसी शहर में न करवाकर शिव की नगरी अतिप्राचीन कोटेश्वर धाम में करवाई है। शिवमहापुराण कथा ने सनातन धर्म को जगाया है, बच्चांें को मंदिर तक पहुंचाया है।
पहले इस धार्मिक स्थल को यही के लोग जाना करते थे किंतु इस कथा ने कोटेश्वर बाबा की पुण्य धरा को पूरे विश्व में प्रसिद्ध कर दिया है। कोटेश्वर महादेव पर प्राकृतिक रूप से गंगाजल की धाराएं गिरकर अभिषेक कर रही है। आस्था चैनल के माध्यम से पूूरा विश्व देख रहा है। यह स्थान दुनिया में ख्याति प्राप्त करेगा।
उक्त उदगार कोटेश्वर महादेव धाम में चल रही पांच दिवसीय पचपुष्प शिवमहापुराण कथा के अंतिम दिन मंलगवार को अंतराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने व्यक्त किए। जो स्व शिवकुमार सिसोदिया इंदौर व स्व ओमप्रकाश पांडे नागदा की स्मृति में शरदसिंह सिसोदिया द्वारा आयोजित की गई।
पंडित मिश्रा ने आगे कहा कि नए मंदिरों की जगह पुराने मंदिरों का जिर्णोद्धार होना चाहिए। क्योकिं पुरातन मंदिरों में भी भक्तों का जमावडा बढना चाहिए। चूढ़िया, मंगलसूत्र, पायल, बिंदीया सबकी कीमत अलग अलग हो सकती है। लेकिन बाजार में सिंदूर की कीमत एक ही होती है और मांग में भरने बाद वह कीमत बड़ जाती है। संसार का मनुष्य कहीं पर भी जाकर बैठे किंतु जब वह शिवमहापुराण की कथा, सत्संग में आकर बैठ जाता है तो उसकी कीमत बढ जाती है। इसी प्रकार पारिजात, कनेर, शमी, मंदार, धतूरा आदि पुष्प सब सस्ते है, इनकी कोई केीमत नही है। किंतु यही पुष्प जब महादेव को अर्पित हो जाते है तो वह सभी अनमोल बन जाते है।
एक स्त्री का बडपन्न उसके संस्कार, श्रृ्रगार व परिधान से होता है। राजस्थान में नारी के तन पर पहने जाने वाला वस्त्र तलवार से कम नही होता है। जितना रह सकते हौ अच्छी संगत में रहो। मनुष्य के भीतर निर्मलता, सादगी तभी आती है जब पूर्व के संस्कार हो। सच्चे मन से किया गया कीर्तन, स्मरण आपको कैलाश धाम तक खींच कर ले जा सकता है।

शंकर भगवान का आधा स्वरूप प्रत्येक नारी में होता है। नारी में शिव भी है और शक्ति भी है। संसार मंे जन्म लेने वाला मनुष्य जब गर्भ में पहुचंता है तो जन्म से लेकर मृत्यु तक की जवाबदारी महादेव की बन जाती है।
किसी मंे सामर्थ्यता नही है कि दुख की घडी में कोई तुम्हारा साथ दे। जब आप पर कर्जा होता है तो रिश्तेदारों को परखने का मौका देता है लेकिन मुसीबत मे जब आप देवाधिदेव महादेव के सम्मुख उनकी शरण में पहुंच जाते हो तो किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नही पड़ती है। अहंकार का तूफान आता है बडी बडी हस्तियांे को डुबो देता है।
मनुष्य जन्म प्राप्त करने के बाद जिसने शिवतत्व को जान लिया तो उसकी 71 पीढ़िया तर जाती है।
महाकाल की नगरी मोक्ष को प्रदान करने वाली है तथा काशी अभिमुक्त नगरी है। अन्य जगह मृत्यु होने पर लोग रोते है जबकि काशी मंे होने पर मुस्कुराते है। क्योंकि शिवमहापुराण में बताया गया है कि काशी मंें मृत्यु होती है तो शिव उसके कान मंे गुरू मंत्र सुनाते है जिससे उसको मोक्ष प्राप्त हो जाता है। कथा पूर्णाहुति पर पंडित मिश्रा ने आयोजक सिसोदिया के सिर पर शिवपुराण रख आशीर्वाद प्रदान किया।


इन समितियों ने दी धरातल पर सराहनीय सेवा
समूचे पांडाल में प्रतिदिन स्वच्छता की कमान कानवन की कण्व सेवा संस्था, सुबह शाम बिड़वाल के हर हर महादेव कावड़ संघ के 150 महिला, पुरूषों ने भोजन की व्यवस्था संभाल रखी थी। इसी तरह कोटेश्वर से जुड़े आसपास के गांवों के लोगो ने पार्किंग, जल, सुरक्षा आदि व्यवस्थाओं का जिम्मा लेकर निर्विघ्न रूप से संभाली। कथा स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पांडाल सहित सभी मार्गो पर विभिन्न गांवों के संगठन व समितियों द्वारा पेयजल की माकूल व्यस्थाए रखी। कथा की पूर्णाहूति पर स्थल के चारों और से प्रस्थान करने वाले श्रद्धालुओं को करीब 15 क्विंटल प्रसादी वितरित की।

’आयोजक सिसाोदिया ने भावुक शब्दों से आभार व्यक्त किया’

शिवमहापुराण कथा आयोजक शरदसिंह सिसोदिया ने मंच से उपस्थित जनसमुदाय, विभिन्न समिति, टेंट व्यवस्था, बाउंसर व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, कोटेश्वर महादेव के महंत मगल भारती व पुजारीगण, पुलिस, प्रशासन व 34 समितियांें के 3 हजार सदस्यों को क्रियान्वित करने वाले प्रबंधन समूह, प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहसोगी के साथ संपूर्ण आयोजन का बेहतर ढंग से कवरेज करने पर मीडिया समूह का आभार व्यक्त किया। इस दौरान सभी के सहयोग, समर्पण व भक्ति भाव को देखकर संबोधन के दौरान आंखे भर आई। कथा के अंतिम दिन समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष चंदा सिसोदिया,आयोजक शरदसिहं सिसोदिया, धर्मपत्नी रीना सिसोदिया, पुत्र राजवीर सिंह, चंद्रवीर सिंह, बड़नगर विधायक मुरली मोरवाल, उज्जैन जिला पंचायत पूर्व अध्यक्षद्वय महेश पटेल, मनोज गौतम धार,कमल सिंह पटेल, राजेन्द्र खोकर, श्याम अग्निहोत्री,निमेष पाटीदार,राजेन्द्र जाट,अमित जैन, मनीष बोकड़िया,घनश्याम सिंह डोडिया, लाखन सिंह जादोन,चेतन सिंह राठौर, नीलेश वैष्णव,कैलाश बोरिया,कमल सिंह आदि उपस्थित थे। जानकारी आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी गोवर्धन सिंह डोडिया खिलेड़ी ने दी।


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