गुरुदेव के 80 वें जन्मोत्सव पर किये कम्बल वितरण
राजगढ़(धार)। मालव भूषण तपषिरोमणी आचार्य श्री नवरत्न सागर सूरीश्वरजी जन-जन की आस्था के केंद्र थे। उनके मन में प्राणी मात्र के कल्याण की भावना रहती थी। इसलिए वे सभी समाजों एवं भक्तों में समान रूप से लोकप्रिय थे। एक और उन्होंने जिनषासन के कार्यो मंे रूचि रखी। वहीं अजैनों के उत्थान एवं विकास के लिए भी वे हमेशा प्रयत्नशील रहते थे। उन्होंने अपने जीवन में अनेक अन्य समाज के व्यक्तियों को भी उनके ही समाज के प्रति भाव जाग्रत कर उन्हें धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ाया। मालवा में उन्हें भगवान के रूप में पूजा जाता हैं।
उक्त बातें नवरत्न परिवार के जिलाध्यक्ष एवं पार्षद नितिन चैहान चिंटू ने गुरूदेव के 80 वें जन्मोत्सव पर आयोजित कंबल वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। आपने बताया कि गुरुदेव की प्रेरणा से द वर्ल्ड डायमंड फाउंडेषन ट्रस्ट द्वारा क्षेत्र के सभी दीन दुखियों एवं असहायों के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यहीं हम सभी की गुरू के प्रति सच्ची आदरजंली हैं। इस अवसर नगर परिषद उपाध्यक्ष दीपक जैन ने कहा कि गुरूदेव ने राजगढ़ से लगभग 1700 किमी दूर चैन्नई के पास वैल्लूर शहर मंे विहार करते हुए अंतिम सांस ली। किंतू मालवांचल के गुरूभक्तों की असीम श्रद्धा व प्रेम के चलते उनकी पार्थिक देह को अंतिम संस्कार के लिए मालवा के प्रसिद्ध जैन तीर्थ भोपावर लाया गया एवं यही पर उनका अंतिम संस्कार कर समाधि मंदिर भी बनाया गया। जहां पर प्रतिदिन सैकड़ों तीर्थ यात्री पहुंचकर गुरूदेव को वंदन करते हैं। आज उनके 80 वें जन्मोत्सव पर हम सब यह संकल्प लेवें कि उनके बताएं सिद्धांतों को अपने जीवन पर आत्मसात करेंगे और उनके बताएं मार्ग का अनुषरण कर अपने जीवन को धन्य बनाएंगे।
जन्मोत्सव पर द वर्ल्ड डायमंड फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा नगर की गरीब बस्तियों जाकर गरीबों एवं असहायों को कंबल वितरित किए। इनसे उन क्षेत्रों के रहवासियों के चेहरे खिल उठे। इस अवसर पर ऋषभदेव मोतीलाल ट्रस्ट सचिव राजेष कामदार, ट्रस्टी संदीप जैन, पुष्पेंद्र कांग्रेसा, कल्पेश जैन, सुभाष मुठरिया, विनेश जैन, पूरब फरबदा, नवरत्न परिवार के प्रदेश संगठन मंत्री अभिषेक पारख, स्थानीय अध्यक्ष राहुल जैन सेंडी, राहुल मालवीय, दिनेश मालवीय आदि उपस्थित थे।