May 19, 2024 |

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​लाडली बहना योजना भाजपा की जीत मे  बनेगी ट्रंप कार्ड या फिर ग्रेवाल की लोकप्रियता कांग्रेस को दिलाएगी जीत,जीत-हार को लेकर दोनों ही दल लगा रहे समीकरण,जो 90 हजार मत लाएगा उसके सिर पर बंधेगा जीत का सेहरा  

Bakhtavar Express

सरदारपुर । विधानसभा चुनाव के लिये मतदान होने के बाद अब कांग्रेस एवं भाजपा द्वारा अपनी-अपनी जीत को लेकर समीकरण लगाये जा रहे है। वैसे पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना मे इस बार जहा दो प्रतिशत के लगभग मतदान कम हुआ है। और वह भी ऐसे मे जब भाजपा ने लाडली बहना योजना और राष्ट्रहित के मुद्दे को जोर शोर से प्रचार कर अधिक से अधिक मतदान की अपील की थी। वही कांग्रेस अपने वचनो के साथ पार्टी प्रत्याशी प्रताप ग्रेवाल की लोकप्रियता के चलते अधिक से अधिक मतदान के लिये मैदान मे उतरी थी। लेकिन अधिक मतदान तो दूर पिछले चुनाव की तुलना मे और 2 प्रतिशत मतदान कम हो गया अब यह दो प्रतिशत कम मतदान किसे लाभ पहुँचायेगा और किसी हानि इसके जोड  भाग को लेकर दोनो की प्रमुख दल अंदर खाने समीकरण खोज  रहे  है।
भाजपा जहां 20 से 25 हजार मतो से जीत का दावा कर रही है तो कांग्रेस भी 20 हजार मतो से अपनी जीत का दावा कर रही है। पिछले साल जरूर भील भिलाला कार्ड  के चलते कांग्रेस को अधिक  लाभ हुआ था लेकिन इस बार भाजपा से भी भील उम्मीदवार और निर्दलीय के तौर पर कांग्रेस के बागी जयस नेता राजेन्द्र गामड जो भी  भील है तीनो भील प्रत्याशियों के कारण पिछले चुनाव की अपेक्षा कांग्रेस को भील वोटो मे जरूर नुकसान होने की बात  कही जा रही है।


सरदारपुर विधानसभा के 273 मतदान केंद्रों पर इस बार 76.93 प्रतिशत  मतदान हुआ है जो की पिछले चुनाव की तुलना मे 2 प्रतिशत के करीब कम है।
पिछले चुनाव मे 273 मतदान केन्द्रो मे से 197 मतदान केंद्रो पर जहां कांग्रेस को लीड  मिली थी वही भाजपा को 76 मतदान केंद्रों पर लीड मिली थी।
इस बार मतदान केंद्र 13 रामखेडा पर सर्वाधिक  94.43 प्रतिशत मतदान हुआ है। वही दुसरा सर्वाधिक मतदान प्रतिशत वाला मतदान केंद्र 1 कचनारिया  94.24 प्रतिशत  है। इन दोनों मतदान केंद्र पर 2018 के चुनाव मे कांग्रेस ने लीड ली थी। वही सबसे कम मतदान इस बार काकडपाडा मतदान केंद्र 131 पर 42.86 प्रतिशत हुआ है यहां पर भी 2018 के चुनाव मे कांग्रेस को लीड मिली थी।


15 बूथों पर 90 से अधिक व 114 बूथों पर 80 प्रतिशत से अधिक मतदान–
इस बार के विधानसभा  चुनाव मे 90 प्रतिशत  से  अधिक मतदान वाले 15 बुथ है। जिनमे पिछले चुनाव मे 7 पर कांग्रेस व 8 पर भाजपा को बढत मिली थी।  वही 80 प्रतिशत  से  अधिक मतदान वाले 114 बूथ है जिनमे 2018 के चुनाव मे 73 पर कांग्रेस व 41 पर भाजपा को बढत मिली थी।
70 प्रतिशत से अधिक मतदान वाले 88 बुथ है जिन पर 2018 के चुनाव मे 63 पर कांग्रेस व 25 पर भाजपा को बढत मिली थी।  60 प्रतिशत से अधिक मतदान वाले 30 बुथ है जिन पर पिछले विधानसभा चुनाव मे 25 पर कांग्रेस व 5 पर भाजपा आगे  थी। वही 50 प्रतिशत से अधिक मतदान वाले 20 बुथ है जिनमे से 2018 के चुनाव मे 18 पर कांग्रेस  व 2 पर भाजपा को बढ़त  मिली थी। वही 50 प्रतिशत से  कम वाले 6 मतदान केंद्र  है जिन पर पिछले विधानसभा चुनाव मे 6 ही मतदान केंद्र पर कांग्रेस आगे थी।  


इन मतदान केंद्र पर महिला-पुरूष ने बराबरी से किया मतदानः- 273 बुथो मे से 5 मतदान केंद्रो पर महिला एंव पुरुष मतदाताओं की संख्या बराबरी रही। बुथ 45 चंदोडिया 235-235,बुथ 100 टांडाखेडा384-384,बुथ 148 अकोलिया 354-354,बुथ 212 गुमानपुरा 322-322,बुथ 258 अमझेरा 331-331
ग्रेवाल के बुथ पर अधिक भूरिया के बुथ पर कम मतदान- कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप ग्रेवाल ने अपना मत सरदारपुर नगर के मतदान केंद्र 181 पर किया जहा पर 84.61 प्रतिशत मतदान हुआ। वही भाजपा प्रत्याशी वेलसिंह भूरिया ने नयापुरा के मतदान केंद्र क्रमांक 218 पर मतदान किया जहा पर 54.69 प्रतिशत मतदान हुआ है।


70 बुथो पर महिलाये पुरूषो से रही आगे-सरदारपुर विधानसभा मे 225555 मतदाताओं  मे से 173527 मतदाताओ ने मतदान किया। जिनमे 88281 पुरूष व 85246 महिला मतदाताओं ने मतदान किया।  3035 पुरूष मतदाता अधिक रहे  । वही दुसरी और 273 बुथो मे से 70 बुथो पर महिला मतदाताओं को प्रतिशत अधिक रहा है। जिनमे बुथ 5 राजोद,12 नंदलई,15 साजोद,16 साजोद,19 रूणी,20 बसलई,21 सिंदुरिया,23 छायन,24 अकोल्या,25 देवीखेडा,27 संदला,28 सलवा,35 लाबरिया,37 बोरदीकला,58 गुवाडी,60 जोलाना,71 चोटीयाबालोद,75 व 76 हनुमंत्याकांग,77 टांडाखेडा,78 घटोदा,80 और 86 दसाई,89 रालामंडल,91 सगवाल,92 कपास्थल,113 टिमायची,119 महापुरा,124 जुनापानी,126 कुशलपुरा,127 आंबा,128 खाकरिया झिरी,139 भार्टियाबर्डी,142 ,143 व 144 धुलेट,146 रातीमाली,150 दलपुरा,151,153,154 व 160 राजगढ,168 पसावदा,170 बडवेली,171 चिचोडिया,172 श्यामपुरा,174 फुलगांवडी,179 कुमारपाट,180,181 व 184 सरदारपुर ,192,193 व 194 छडावद,204 काछला,205 तिरला,215 मवडी,217 भीलखेडी,224 व 225 रिंगनोद,230 भोपावर,231 सुल्तानपुर,233 बिछीया,235 बड़ोदिया,238 गोलपुरा,253 अमझेरा,263 राजपुरा,267 आंतेडी,271 सेमलीपुरा व 272 सुल्तानपुर इन बूथों पर पुरुषों की तुलना मे मतदान करने वाली महिलो  की संख्या अधिक रही।  

हार-जीत के अपने  अपने समीकरणः- 2013 के विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप ग्रेवाल की लोकप्रियता चरम पर थी। अपने पहले विधायक कार्यकाल मे उन्होने जनता के  दिलो पर अमिट  छाप छोडी थी। जिसके चलते सभी उनकी जीत की संभावना जता रहे थे लेकिन परिणाम आया तो भाजपा के वेलसिंह भुरिया 500 से अधिक मतो से जीत गये।  इस बार फिर भाजपा से वेलसिंह भूरिया एंव कांग्रेस से प्रताप ग्रेवाल आमने सामने है। प्रत्याशी घोषणा होने के साथ  ही भाजपा मान रही है  की इस बार उसकी जीत सुनिश्चीत है। क्योकी कांग्रेस के ग्रेवाल को कोई  टक्कर दे सकता है तो वह वेलसिंह भुरिया ही है। क्योंकि भील मतदाताओं के बीच उनकी भी अच्छी पकड है। इसलिये अंतिम तीन दिनो मे नये समीकरण  बन कर इस बार भाजपा ने वेलसिंह भुरिया को मैदान मे उतारा है। चुनाव मे भाजपा से जुडे युवा वर्ग ने भुरिया के पक्ष मे प्रचार प्रसार मे  कोई कसर नही छोडी है। वही लाडली बहना योजना को भाजपा अपनी जीत का ट्रंप कार्ड मानकर चल रही है। साथ ही राष्ट्रहित के  मुद्दो को  भी भाजपा ने भुनाने मे सोशल मीडिया पर कोई कसर नहीं छोडी है। साथ ही कांग्रेस के  बागी एंव जयस नेता राजेन्द्र गामड के चुनाव मैदान मे उतरने से भाजपा अपनी जीत के प्रति सुनिश्चीत नजर आ रही है। इसलिये पार्टी  के कई नेता अभी से जीत  को दांवा  डंके की चोट पर कर  रहे है।


वही कांग्रेस की बात करे  तो कांग्रेस कर्ज माफी,नारी सम्मान योजना सहित महंगाई,बेरोजगारी,भ्रष्टाचार के मुद्दो को पुरे चुनाव मे जोर शोर से उठाती  रही है। साथ ही कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप ग्रेवाल की लोकप्रियता आज भी बरकरार है। चुनाव जीतने के बाद कभी भी उन्होने जनता के काम मे  भाजपा-कांग्रेस वाली राजनीति नहीं की बल्कि समान व्यवहार किया यही  कारण है की भाजपा के एक बडे वर्ग का  भी साथ उन्हे चुनाव मे मिलने की संभावना जताई जा रही है।
राजनीतिक पंडितो का समीकरण कांग्रेस के पक्ष मे  बताया जा रहा है। 273 बुथो मे से 125 बुथ शुद्ध तौर पर आदिवासी बुथ है।  जिस पर करीब 30 हजार मतो  की लीड कांग्रेस के  पक्ष मे बताई  जा रही है। वही 148 बुथ सामान्य मतदाताओ के है  जिनमे कुछ  पर भाजपा  हावी है तो कुछ  पर कांग्रेस और कुछ पर कांटे का मुकाबला रहता है। इन सभी पर मिलाकर भाजपा की बढत 20 हजार मतो की होने की संभावना राजनिती जानकारों ने बताई है। यानी कांग्रेस इस समीकरण के  आधार पर 10 हजार मतो से जीत सकती है। खैर ये सभी  अपने-अपने समीकरण है असली परिणाम तो 3 दिसबंर को ही पता चलेगा।


वैसे  अंदरखाने के सुत्रो  की माने तो इस बार जहा कांग्रेस को  खुली बगावत का सामना करना पडा। तो भाजपा को भीतरघात का । सूत्रों की मानें तो भाजपा मे अभी से भितरघात करने वालो की सुचि बनाई  जा रही है जिससे शीर्ष  नेतृत्व को अवगत कराया जायेगा।


जीत के लिये जादुई आंकड़ा 90 हजार काः- मतदान मे 173527 मतदाताओं ने मतदान किया है। राजनीतिक पंडित जीत के लिये जादुई आंकडा 90 हजार मतो के आंकडो को मान रहे है। अनुमान है कांग्रेस व भाजपा जो भी प्रत्याशी यह आंकडा छु लेगा अगला एमएलए वही बनेगा। पिछले विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस ने 95607 मत प्राप्त किये थे वही भाजपा को 59762 मत मिले है। कांग्रेस को जहा अपना पिछला वोट बैक बरकरार रखना है वही भाजपा के लिये करीब 30 हजार और म​तदाताओं ​का विश्वास जीतना होगा।


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