टोल रोड की अवधि तय करने में भारी भ्रष्टाचार,लेबड जावरा फोरलेन पर चार गुना टोल वसूल हो जाने के बाद भी अवधि को 5 साल बढ़ा दिया गया 3 से 5 गुना टोल वसूलने के बाद भी 2033 से 2038 तक टोल वसूला जाएगा,सैकड़ो करोड़ की रिश्वत लेकर लेबड जावरा टोल रोड की अवधि बढ़ाई गई
सरदारपुर। लेबड जावरा टोल रोड पर जनवरी 2024 तक लागत का 4 गुना कलेक्शन होने के बाद भी टोल कलेक्शन की अवधि 5 साल बढ़कर 27 अप्रैल 2038 तक कर दी गई । यह जानकारी लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने विधायक प्रताप ग्रेवाल के जवाब में देते हुए बताया कि अनुबंध की धारा 29.1 के तहत टोल कलेक्शन की अवधि में 5 वर्ष की वृद्धि की गई है । और उन्होंने स्वीकार किया कि इस धारा का उल्लेख सिर्फ लेबड जावरा के अनुबंध में ही था शेष अन्य टोल रोड के अनुबंध में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है । तथा उनमें वृद्धि की कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है ।
विधायक प्रताप ग्रेवाल ने पूछा कि पूर्व में 13-7-2023 में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में बताया गया था कि फीजिबिलिटी रिपोर्ट में दिए गए भविष्य के यातायात के आंकड़े का संभागायुक्त द्वारा परीक्षण किया जाता है । अतः उस परीक्षण की रिपोर्ट की प्रति देवी । लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने इसके उत्तर में कहा कि परीक्षण की कोई भी नोट शीट नही बनाई जाती तथा किसी प्रकार का कोई प्रमाण पत्र भी नहीं दिया जाता है ।
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि जावरा नयागांव टोल रोड पर अभी तक 2070 करोड़ टोल कलेक्शन हो चुका है जो लागत का 5 गुना है , तथा भोपाल देवास मार्ग पर 1342 करोड़ टोल कलेक्शन हो चुका है जो लागत का चार गुना है । तथा यह दोनों टोल रोड पर क्रमशः मई 2033 तथा अक्टूबर 2033 तक टोल वसूला जाएगा ।
प्रताप ग्रेवाल द्वारा यह पूछने पर की फिजिबिलिटी रिपोर्ट में अगर दिए गए आंकड़े वास्तविक आंकड़ों से कई गुना कम हो तो क्या टोल अवधि के बारे में पुन परीक्षण किया जाएगा । मंत्री राकेश सिंह ने कहा की नहीं । विधायक ग्रेवाल ने पूछा कि अनुबंध की धारा 33.3 जब विवाद के लिए है, तो इस धारा के तहत अकाउंटेंट से प्रमाण पत्र क्यों लिए गए । कोई उत्तर नहीं दिया गया । तथा यह पूछने पर की अनुबंध की धारा 33.2.1 के तहत चार्टर्ड अकाउंटेंट को अप्वॉइंट करने के लिए कंसेशनर द्वारा 4 सीए की पैनल पेश करने तथा शासन द्वारा उसमें से एक का चयन करने की प्रक्रिया के दस्तावेज उपलब्ध कराये । उत्तर दिया गया की चार्टर्ड अकाउंटेंट का चयन कंसेशनर द्वारा ही किया गया है ।
प्रताप ग्रेवाल के जब यह कहा की प्रदेश की ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट 17.5% हो गई है जो देश की सर्वाधिक है , जबकि केंद्र सरकार ने 2025 तक ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट 4.5% तक लाना तय किया है । तो उत्तर मिला कि इस संदर्भ में हमारे पास कोई जानकारी और दस्तावेज नही है । प्रताप ग्रेवाल ने आरोप लगाया कि टोल रोड पर अधिकारियों के संरक्षण से कंसेशनर ने आम जनता से लूट मचा रखी है तथा सैकडो करोड़ की रिश्वत लेकर लेबड जावरा टोल रोड की अवधि को 5 साल बढ़ाया गया है ।