माताजी मंदिर की भव्यता और प्रसिद्धि को जन-जन तक पहुंचाने में गुरुदेव का अहम योगदान रहा, नगर चौरासी के प्रणेता भी थे गुरुदेव, माताजी मंदिर के गुरुदेव मुरारीलालजी भारद्वाज के देवलोकगमन पर गुरु गुणानुवाद सभा का हुआ आयोजन
राजगढ़। मां कामाख्या के अनन्य उपासक गुरुदेव का पूरा जीवन लोगों की सेवा में रहा, आयुर्वेद के ज्ञान से न सिर्फ राजगढ़ बल्कि ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले हर रोगी के रोग का निदान करते थे। माताजी मंदिर की भव्यता और प्रसिद्धि को जन-जन तक पहुचाने में गुरुदेव का अहम योगदान रहा। उक्त उद्गार राजगढ़ के माताजी मंदिर के गुरुदेव श्री मुरारीलाल जी भारद्वाज के देवलोकगमन पर आयोजित गुरुगुणानुवाद सभा (श्रद्धांजलि सभा) में राजगढ़ तथा आसपास क्षेत्र के गुरुभक्तों ने व्यक्त किए।
गुरु गुणानुवाद सभा मे नगर के समाज प्रमुखों तथा सामाजिक संस्था के प्रमुखों को गुरुदेव से जुड़े स्मरण सुनाते हुए कहा कि गुरुदेव मंदिर पर आने वाले हर व्यक्ति के रोग का निदान करते थे। शरद पूर्णिमा पर गुरुदेव के हाथों से बनाई हुई दवा से दमा और श्वाश रोगी का रोग दूर होता था। गुरुदेव अंतिम समय तक भी लोगो की सेवा करते रहें। राजगढ़ की धरा पर करीब 48 वर्ष तक सेवा देने वाले गुरुदेव ने माताजी मंदिर को एक नई प्रसिद्धि और भव्यता प्रदान की। मंदिर पर आने वाले व्यक्ति की हर प्रकार की समस्या का समाधान गुरुदेव के द्वारा किया जाता था। रामलला जन्मभूमि हेतु कारसेवा में क्षेत्र से गुरुदेव ने मुख्य भूमिका निभाई तथा करीब 80 गांवों में पैदल भ्रमण कर शिला पूजन करवाई थी। प्रथम नगर चौरासी के प्रणेता रहे गुरुदेव ने सर्व धर्म के लोगों को एक जाजम पर बैठना सिखाया। हम सभी भाईचारे और बंधुत्व में रहे यही गुरुदेव के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
गुरु गुणानुवाद सभा में जैन श्रीसंघ के मणिलाल खजांची, मोहन खेड़ा जैन तीर्थ के मैनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, राजेंद्र दुबे, दिलीप पूराणी, कवि नगेंद्र ठाकुर, मुस्लिम सदर शौकत खां, बोहरा समाज के बाबू भाई बोहरा, डॉ. एमएल जैन, विधायक प्रताप ग्रेवाल, पूर्व विधायक वेलसिंह भूरिया, नीलेश सोनी, नवीन बानिया, जितेंद्र भंडारी, शृंगेश्वर धाम से नरसिंह बैरागी, परमानंद सेन सहित अन्य ने गुरुदेव से जुड़े स्मरण सुनाए। इस दौरान बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहे। संचालन दीपक जैन ने किया तथा आभार गोपाल सोनी ने व्यक्त किया।
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