ऑस्ट्रेलिया से आये 10 सदसीय दल ने बाग प्रिंट की कला की बारीकियां सीखी, कपड़ों पर ठप्पा छपाई की प्रक्रिया को भी समझा
बाग। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम बाग प्रिंट की वजह से हस्तशिल्प क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं इसी के चलते बाग प्रिंट की कला को बारीकी से समझने के लिए समय-समय पर विदेशी मेहमान धार जिले के बाग पहुंचकर बाग प्रिंट की बारीकियों को समझते हैं, हस्तकला प्रेमी ऑस्ट्रेलिया का 10 सदस्यीय दल सोमवार को बाग पहुंचा, जिसने बाग पहुंच कर बाग प्रिंट की बारीकियों को समझा,ऑस्ट्रेलिया से आए 10 सदस्यीय दल को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर हस्तशिल्प क्षेत्र में भारत का नाम गौरवान्वित करने वाले नेशनल- इंटरनेशनल अवार्ड से सम्मानित की युसूफ खत्री ने बाग प्रिंट की कला की सारी बारीकियां और खुबिया ऑस्ट्रेलिया से आए मेहमानों को बताई, इस दौरान आस्ट्रेलिया से आए मेहमानों ने कपड़ों पर ठप्पा छपाई की प्रक्रिया को भी समझा, और कपड़ों पर ठप्पा छपाई भी अपने हाथों से की। इस दौरान नेशनल अवार्ड से सम्मानित बिलाल खत्री भी वहां मौजूद रहे, जिन्होंने भी बाग प्रिंट की कला को विदेशी मेहमानों के साथ में साझा किया,
आज बाग का भगोरिया भी था, ऐसे में बाग प्रिंट की बारीकियों को समझने आया ऑस्ट्रेलिया का 10 सदस्यीय दल बाग में आयोजित होने वाले भगोरिया में शामिल हुआ और उन्होंने जमकर मांदल की थाप पर नृत्य किया और भारत की संस्कृति को बाग प्रिंट की कला के साथ में भी जाना।