सरदारपुर तहसील के छोटे से गांव वणी के खिलाडी दक्षराज सिंह ने जुडो मे जीता अंतरराष्ट्रीय खिताब,फाइनल मे जापान के खिलाडी को दी शिकस्त,इंदौर से गांव तक मप्र पुलिस ने सम्मान के साथ पहुॅचाया,ग्रामीणो ने किया भव्य स्वागत
आरिफ शेख
सरदारपुर। खेलों मे क्रिकेट ,बैडमिंटन ,फुटबाल मे जिले के कई खिलाड़ियों ने नाम गौरवान्वित किया है। लेकिन शनिवार को धार जिले के लिए उससे भी बड़ा गौरव का क्षण था जब सरदारपुर तहसील के छोटे से गांव वणी के दक्षराज सिंह राठौर ने जूडो की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता जीत कर अपने गांव का मान बढा दिया।
उड़ीसा के कटक मे 20 दिसंबर से 23 दिसंबर तक आयोजित प्रतियोगिता मे दक्षराज सिंह ने अंडर 19 मे 65 किलो वर्ग मे भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए फाइनल मुकाबले मे जापान के खिलाड़ी को 1.5 पाइंट से शिकस्त देकर विजेता का खिताब हासिल किया। प्रतियोगिता मे 24 देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया था।
फाइनल मुकाबला जीतकर दक्षराज सिंह हवाई जहाज से इंदौर पहुंचे जहां पर उनका मप्र पुलिस की और से स्वागत कर वाहन एवं सुरक्षा गार्ड के साथ उनके गांव लाया गया। गांव मे पहुंचने पर सबसे पहले दक्षराज सिंह राठौर के बडे पापा लोकेन्द्र सिंह राठौर एंव उनके पिताजी जय प्रताप सिंह राठौर ने पुष्पहार पहनाकर स्वागत किया। उसके बाद परिवार के अन्य सदस्यो एवं ग्रामीणों के द्वारा ढोल ढमाके के साथ आतिशबाजी कर उनका स्वागत किया गया।
इसके पूर्व धार मे पूर्व विधायक जसवंत सिंह राठौर के निवास पर उनका स्वागत किया गया। उल्लेखनीय है की धार के पूर्व विधायक राठौर जसवंतसिंह राठौर दक्षराज सिंह राठौर के पिताजी जय प्रताप सिंह राठौर के काकोसा है।
दक्षराज सिंह राठौर ने चर्चा के दौरान बताया की परिवार कृषि प्रधान है। मेरा सपना था की पढकर कुछ ऐसा किया जाये जिससे परिवार और गांव का नाम गौरवान्वित हो। 1 से 12वीं तक की पढाई समीप के शेरगढ़ मे केमेलिया इंटरनेशनल स्कूल मे पुरी की जहां पर जूडो खेल की तरफ झुकाव हुआ। 12 वी तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट एजुकेशन गुवाहाटी से ग्रेजुएशन की पढाई कर रहा हुॅ साथ ही इसी की संस्था से डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स मैनेजमेंट ग्वालियर से कर रहा हुॅ।
दक्षराज सिंह ने बताया की दिल्ली मे 21 से 29 फरवरी को 7 ब्रिक्स का आयोजन होगा जिसमें 7 देशों के खिलाडी सहभागिता करेगी इसकी तैयारियां मे जुट चुके हुॅ। यहां पर अच्छे प्रदर्शन के बाद ग्रेंड पिक्स एवं कॅामनवेल्थ गैम्स जैसी प्रतियोगिता मे चयन के द्वार खुल जायेगे।
खिताबी सफलता का श्रेय ईश्वर ,माता-पिता और परिजनों को देते हुए दक्षराज सिंह ने कहा कि ग्रामीण अंचलो मे किक्रेट ,फुटबाल कबड्डी जैसे खेलों को अधिक महत्व दिया जाता है लेकिन मैंने कुछ अलग करने का ठाना था। मेहनत और परिश्रम के बाद कम समय मे इतनी बड़ी सफलता सबके सामने है। दक्षराज सिंह ने कहा की सरकार दुसरे खेलो के तरह खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाये तो कामनवेल्थ और ओलंपिक मे पदक लाने से कोई नही रोक सकता है।