आरिफ शेख
सरदारपुर। लोकसभा चुनाव के लिये उम्मीदवारो का भाग्य ईवीएम मे कैद हो चुका है। इस बार लोकसभा चुनाव का चुनावी प्रचार प्रसार निरसता भरा रहा । न तो चुनावी प्रचार सुनाई दिया और ना ही अंचलो मे राजनैतिक दलो के वो झंडे पोस्टर नजर आये जो विधानसभा चुनाव या फिर पिछले लोकसभा चुनाव मे नजर आये थे। प्रचार प्रसार सोशल मीडिया तक सिमट गया था। वैसे मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ी शहरों से लेकर अंचलो तक एक माह से भी अधिक समय तक सत्त स्वीप प्लान की गतिविधियां कराई गई जिसका ही परिणाम रहा की विधानसभा चुनाव की तुलना मे 1.04 प्रतिशत ही मतदान कम हुआ। वैसे पलायन,वैवाहिक आयोजन,तीर्थ यात्रा पर गए यात्री एंव गर्मी को देखते हुये अंदाजा लगाया जा रहा था की मतदान का प्रतिशत 60 तक पहुँच जाये तो बडी बात होगी। सामान्य मतदान केंद्रों पर जरूर मतदान का प्रतिशत गिरा है वही आदिवासी बाहुल्य मतदान केंद्रों पर बड़ी मात्रा मे मतदान प्रतिशत मे इजाफा हुआ है। वैसे यह बढा हुआ मतदान प्रतिशत किसे लाभ पहुँचायेगा यह तो अभी कहना मुश्किल है लेकिन कांग्रेस और भाजपा दोनो ही दल इसे अपने पक्ष मे बता रहे है।
निर्वाचन शाखा के द्वारा लोकसभा चुनाव के लिये फाइनल आंकडे जारी किये गये। जिसमे 75.89 प्रतिशत मतदान हुआ। जबकी विधानसभा चुनाव मे यह आंकड़ा 76.93 प्रतिशत था। मतदान केंद्रों के आंकड़ों मे हम अपने पाठकों के कुछ विशेष जानकारी भी लाये है। किन मतदान केंद्रों पर विधानसभा चुनाव की तुलना मे मत प्रतिशत मे इजाफा हुआ और कहा पर मतदान का प्रतिशत गिरा है।
वैसे देखा जाये तो विधानसभा चुनाव मे भाजपा 273 मतदान केंद्रो पर बढत लेने के बाद भी करीब 4 हजार मतो से हार गई थी। जबकी कांग्रेस को 126 मतदान केंद्रो पर ही बढत मिली थी। भाजपा को राजोद,लाबरिया,खुंटपला,दसाई,अमझेरा,राजगढ,सरदारपुर,रिंगनोद,हातोद,धुलेट,सोनगढ जैसे सामान्य मतदान केंद्रो पर अच्छी खासी बढत मिली थी। लेकीन आदिवासी मतदान केंद्रो पर कांग्रेस को जो बढत मिली उससे भाजपा को हार का सामना करना पडा। कांग्रेस ने इस बार अपना अधिकांश ध्यान आदिवासी मतदान केंद्रों पर अधिक लगाया तो भाजपा ने भी आदिवासी मतदान केंद्रो पर दस्तक दी जिसका परिणाम रहा की विधानसभा चुनाव मे फिसड्डी रहे इन मतदान केंद्रों पर 8 से लेकर 31 प्रतिशत तक की बढोतरी दर्ज हो गई। वही भाजपा को जिन मतदान केंद्रो पर अच्छी बढ़त मिलती थी वहा पर से बडी संख्या मे मतदान के पुर्व मतदाता तीर्थ यात्रा पर रवाना हो गये परिणाम यह रहा की इन मतदान केंद्रो पर 5 से लेकर 11 प्रतिशत तक ही गिरावट रही।
सर्वाधिक एंव कम प्रतिशत वाले मतदान केंद्र - इस बार लोकसभा चुनाव मे एकमात्र रामखेडा मतदान केंद्र पर ही 90 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। जबकि विधानसभा चुनाव मे इनकी संख्या आधा दर्जन से अधिक थी। वही 80 से 90 के बीच 80 मतदान केंद्र रहे। 70 से 80 के बीच 151 मतदान केंद्र,60 से 70 के बीच 39 एंव दो मतदान केंद्र ऐसे रहे जिन पर 50 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। इस बार 50 प्रतिशत से कम मतदान वाला कोई केंद्र नही रहा।
सबसे अधिक मतदान केंद्र 13 रामखेडा पर 90.6 प्रतिशत मतदान हुआ। वही कचनारिया मतदान केंद्र 1 दुसरे नंबर पर रहा यहा पर 89.75 प्रतिशत मतदान हुआ। विधानसभा चुनाव मे भी ये दोनो ही मतदान केंद्र पहले और दूसरे स्थान पर रहे थे। विधानसभा चुनाव मे रामखेडा मे 94.43 प्रतिशत एंव कचनारिया मतदान केंद्र पर 94.24 प्रतिशत मतदान हुआ था।
लोकसभा चुनाव मे सबसे कम मतदान केंद्र 134 भमती पर हुआ यहा पर 54.38 प्रतिशत मतदान हुआ । दूसरे स्थान पर मतदान केंद्र 202 चौबारा रहा यहा पर 59.90 प्रतिशत मतदान हुआ।
जबकि विधानसभा चुनाव मे मतदान केंद्र 131 काकडपाडा पर सबसे कम 42.86 प्रतिशत हुआ था। दुसरे स्थान पर मतदान केंद्र 133 भमती रहा यहा पर 45.15 प्रतिशत मतदान हुआ था।
लोकसभा चुनाव मे लाडली बहनो मे नही दिखा उत्साह -विधानसभा चुनाव एंव लोकसभा चुनाव की तुलना करे तो इस बार चुनाव मे लाडली बहनो मे उत्साह नही दिखा। विधानसभा चुनाव की तुलना मे करीब 3381 महिला मतदाताओं ने कम मतदान किया। विधानसभा चुनाव की तुलना मे सरदारपुर विधानसभा मे 2287 के करीब नवीन मतदाता बढे थे। जिनमें से 1095 पुरुष एंव 1194 महिला मतदाता थी। विधानसभा चुनाव की तुलना मे महज 1524 ही अधिक मतदाताओं ने मतदान किया। वही विधानसभा चुनाव की तुलना मे 181 पुरूष मतदाता की गिरावट दर्ज की गई। वैसे 3381 महिला मतदाताओं की गिरावट से जरूर भाजपा का खेमा चिंतित नजर आयेगा। क्योंकि विधानसभा चुनाव मे जो कांटे की टक्कर हुई थी उसमे महिला मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष मे अधिक मतदान किया था।
भाजपा को बढत दिलाने वाले इन मतदान केंद्रों पर गिरा मत प्रतिशतः- विधानसभा चुनाव मे भाजपा को अच्छी खासी बढ़त दिलाने वाले मतदान केंद्रो पर लोकसभा चुनाव मे अच्छी खासी कमी देखी गई। 11 से लेकर 5 प्रतिशत तक मतदान गिरा। जिसका प्रमुख कारण महिलाओं का कम मतदान,तीर्थ यात्रा पर गये यात्री,गर्मी और मतदान के आखिरी समय पर कुछ स्थानो पर हुई बारिश।
विधानसभा चुनाव मे भाजपा को बढत दिलाने वाले राजोद के मतदान केंद्र 3 पर 6.19,4 पर 5.57 व 5 पर 5.91 प्रतिशत मतदान कम हुआ। साजोद के 15 नंबर पर 6.92,लाबरिया के 32 पर 7.16 व 34 नंबर पर 5.54 बरमंडल के मतदान केंद्र 39 पर 8.98,40 पर 8.70 व 41 पर 7.65 प्रतिशत की गिरावट रही। बरखेड़ा के 44 नंबर पर 10.17,खुटपला के 49 नंबर पर 11.30 पंचरूडी के 53 नंबर पर 7.7 प्रतिशत,दसाई के 79 नंबर पर 6.05,80 पर 5.71,81 पर 10.35,82 पर 9.64,83 पर 6.26 मतदान केंद्र 84 पर 11.73,85 पर 9.89 व 86 नंबर पर 8.41 प्रतिशत मतदान कम हुआ। बोदली के 103 नंबर पर 8.56,कुमारियाखेडी के 110 नंबर पर 8.53,धुलेट के 142 नंबर पर 10.28 प्रतिशत मतदान कम हुआ। राजगढ़ के 163 नंबर मतदान केंद्र पर 8.46 प्रतिशत कम मतदान हुआ तो बाकी के मतदान केंद्रों पर भी 2 से लेकर 3 प्रतिशत तक कम मतदान हुआ जबकि विधानसभा चुनाव मे राजगढ़ नगर से अच्छी बढत मिली थी।
सरदारपुर के मतदान केन्द्र 181 पर 6.63 व 182 पर 8.77,रिंगनोद के 223 नंबर पर 6.64 व भोपावर के मतदान केंद्र 229 पर 8.42 व हातोद के 247 मतदान केंद्र क्रमांक पर 8.87 प्रतिशत विधानसभा की तुलना मे कम मतदान हुआ।
भाजपा को विधानसभा चुनाव मे की तुलना मे जिन मतदान केंद्रो पर अधिक मतदान हुआ उनमे मतदान केंद्र 120 महापुरा 15.85 प्रतिशत,136 रामपुरा पर 12.61,फुटतालाब के 208 नंबर पर 16.05 प्रतिशत,216 ढाकनबारी 8.71 प्रतिशत,217 भीलखेडी पर 8.38,नयापुरा पर 15.25 प्र्रतिशत एंव अमझेरा के 255 नंबर मतदान केंद्र पर 7.81 प्रतिशत मतदान विधानसभा चुनाव की तुलना मे लोकसभा चुनाव मे अधिक हुआ है।
आदिवासी बाहुल्य मतदान केंद्रो पर 6 से लेकर 30 प्रतिशत तक बढा मतदान- भाजपा को बढत वाले अधिकांश मतदान केंद्रों पर मतदान प्रतिशत गिरा तो इसकी तुलना मे कांग्रेस को विधानसभा चुनाव मे बढत दिलाने वाले मतदान केंद्रों पर अच्छा मतदान लोकसभा चुनाव मे हुआ। जबकि जिन मतदान केंद्रो पर कम मतदान हुआ उनकी संख्या कम रही।
विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस को बढ़त दिलाने वाले इन मतदान केंद्रो पर कम मतदान हुआ जिसमें राजोद के मतदान क्रेद्र 7 पर 6.85,रानीखेडी के 8 नंबर पर 10.04,संदला के 26 नंबर पर 9.64 व 27 नंबर पर 9.77,बोरदीकला के 37 नंबर पर 8.72,दंतोली के 98 नंबर पर 8 प्रतिशत,सरदारपुर के 182 नंबर पर 8.77,व 180 नंबर पर 13.99 प्रतिशत व कपास्थल के 92 नंबर पर 8.59 प्रतिशत कम मतदान हुआ।
वैसे पलायन को लेकर कांग्रेस जरूर चिंतित नजर आ रही थी। लेकिन जिस क्षैत्र से मजदूरों का पलायन अधिक होता है उस क्षैत्र के मतदान केंद्रो पर विधानसभा चुनाव की तुलना मे अधिक मतदान लोकसभा चुनाव मे हुआ है। जिसमे बोरखली के मतदान केंद्र 55 नंबर पर 7.23,फुलकीपाडा के 68 नंबर पर 11.76,तलावपाडा के 116 नंबर पर 24.08,बडलीपाडा के 125 नंबर पर 10.46,सरोदा के 130 नंबर पर 21.78,काकडपाडा के 131 नंबर पर 31.31,पिपल्याभान के 132 नंबर पर 8.33,भमती के 133 नंबर पर 9.23,सेमलिया के 135 नंबर पर 21.98,सुहाना के 137 नंबर पर 17.78,भार्टीयाबडी के 139 नंबर पर 12.77,अंबेडी के 140 नंबर पर 17.01,नरसिंह देवला के 167 नंबर पर 8.4,चालनी माता के 195 नंबर पर 8.67,अमझर के 196 नंबर पर 14.25,गुराडिया के मतदान केंद्र 197 पर 16.39,उटावा के 199 नंबर पर 18.93,अंबापाडा के 200 नंबर पर 18.75,कछला के 204 नंबर पर 14.24,मनास्या के 207 नंबर पर 14.32,बिमरोड के 211 नंबर पर 8.52,रिंगनोद के 221 नंबर पर 13.17 व 225 नंबर पर 12.51 प्रतिशत,उण्डेड के 226 नंबर पर 9.93,मालपुरिया के 227 नंबर पर 18.56,पिपलीफलिया के 231 नंबर पर 12.25,रूपारेल के 241 नंबर पर 8.76 व नयापुरा मिंडा के 249 नंबर मतदान केंद्र पर 12.31 प्रतिशत मतदान लोकसभा चुनाव की तुलना मे अधिक हुआ है जिन पर कांग्रेस ने बढत ली थी। वैसे आंकलन यह भी है की इन 30 मतदान केंद्रो मे से 6 से अधिक मतदान केंद्रो पर बढा हुआ मत प्रतिशत भाजपा को लाभ पहुॅचायेगा।